अभिनेता रजनीकांत के जन्म दिन पर जानिये उनके बस कंडक्टर से सुपरस्टार बनने तक का सफर।


नमस्कार दोस्तों,



 साउथ में भगवान की तरह पूजे जाने वाले  सुपरस्टार एक्टर रजनीकांत का आज जन्म दिन है।रजनीकांत आज अपना 68वां जन्मदिन मना रहे हैं। लम्बे इंतज़ार के बाद हाल ही में रिलीज़ हुई रजनीकांत की फिल्म '2.0'  बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त धमाल मचा रही है. आज हम बात करेंगे रजनीकांत के जीवन  की फर्श से अर्श तक  उठने के पीछे छुपे संघर्ष के कहानी की। . रजनीकांत  आज इतने बड़े सुपरस्टार होने के बावजूद जमीन से जुड़े हुए हैं. वह फिल्मों के किरदार से बाहर   निकलते ही असल जिंदगी में एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही जीवन व्यतीत करते हैं और उनके प्रशंसक उन्हें  केवल प्यार ही नहीं करते बल्कि उन्हें पूजते भी हैं. उनका संघर्ष अपने आप में प्रेरणादायी है कि कैसे एक बढ़ई और बेंगलुरु परिवहन सेवा (बीटीएस) के एक मामूली बस कंडक्टर और कुली से आज एक सुपरस्टार बन गए. लेकिन इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत भी की.


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सुपरस्‍टार रजनीकांत के जन्‍मदिन पर उनके जीवन से जुड़ी झलकियां

अपने अनोखे अंदाज और बेहतरीन अभिनय से फिल्म जगत में अलग मुकाम हासिल कर चुके सुपरस्टार रजनीकांत  के बारे में आज शायद ही कोई ऐसा  शख्स होगा जो नहीं जानता हो।  यह एक ऐसा नाम है, जो टॉलीवूड से लेकर बॉलीवुड तक सभी की जुबां पर चढ़कर बोलता है. उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है. उनका जन्म 12 दिसंबर, 1950 को बेंगलुरु में हुआ. उनके बचपन का नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है. रजनीकांत के पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक हवलदार थे. मां जीजाबाई की मौत के बाद चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत को अहसास हुआ कि घर की माली हालत ठीक नहीं है. बाद में उन्होंने परिवार को सहारा देने के लिए कुली का भी काम किया.


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एक कंडक्टर के तौर पर भी उनका अंदाज किसी फिल्मी सितारे से कम नहीं था. वह अलग तरह से टिकट काटने और सीटी मारने की अपनी शैली को लेकर बस यात्रियों और दूसरे बस कंडक्टरों के बीच काफी मशहूर हो चुके थे. कई मंचों पर नाटक में अभिनय करने के कारण फिल्मों और अभिनय के लिए उनका शौक बढ़ता गया और वही शौक धीरे-धीरे जुनून में तब्दील हो गया. इस वजह से उन्होंने अपना काम छोड़कर चेन्नई के अद्यार फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया. वहां इंस्टीट्यूट में एक नाटक के दौरान मशहूर फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर की नजर रजनीकांत पर पड़ी और वो रजनीकांत से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने रजनीकांत को एक फिल्म के लिए किरदार निभाने के लिए प्रस्ताव दिया। 

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इस तरह उनके करियर की शुरुआत बालाचंदर निर्देशित तमिल फिल्म 'अपूर्वा रागंगाल' (1975)  में एक खलनायक के रूप में हुई। यह भूमिका यूं तो छोटी थी, लेकिन इसने उन्हें आगे और भूमिकाएं हासिल करने के लिए रस्ते खोल दिए। यही वजह है की रजनीकांत के. बालाचंदर को अपना गुरु भी मानते हैं. इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था. रजनीकांत ने एथीरात कॉलेज की छात्रा लता से शादी की है. लता ने कॉलेज मैगजीन के लिए उनका इंटरव्यू लिया था. वे 26 फरवरी, 1981 को आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में सात फेरे लेकर एक दूसरे के साथ परिणय सूत्र में बांध गए .


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आज उनकी दो बेटियां हैं- ऐश्वर्या रजनीकांत और सौंदर्या रजनीकांत और उनकी पत्नी लता 'द आश्रम' नामक एक स्कूल चलाती हैं. बेटी ऐश्वर्या की शादी अभिनेता धनुष के साथ 18 नवंबर, 2004 को हुई थी. उनकी छोटी बेटी तमिल फिल्म उद्योग में निर्देशक, निर्माता और ग्राफिक डिजाइनर के तौर पर काम करती हैं। 3 सितंबर 2010 को वह उद्योगपति आश्विन रामकुमार के साथ शादी के बंधन में बंध गई.

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हर इंसान को बड़ी कामयाबी से पहले जीवन की कड़ी चुनौतियों से होकर गुजरना  पड़ता है। रजनीकांत का फिल्मी करियर भी उतार-चढ़ाव से भरा रहा . उन्होंने पर्दे पर पहले नकारात्मक भूमिका और खलनायकी से अपने अभिनय की शुरुवात की।  इसके बाद उन्होंने अन्य भूमिकाएं निभाईं और अंतत: उन्होंने नायक के तौर पर फिल्म जगत में खुद को स्थापित करने में कामयाबी हासिल की. करियर की शुरुआत में तमिल फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएं निभाने के बाद वह धीरे-धीरे एक स्थापित अभिनेता की तरह उभरे. तेलुगू फिल्म 'छिलाकाम्मा चेप्पिनडी' (1975) में उन्हें मुख्य अभिनेता की भूमिका मिली. इस फिल्म को मिली सफलता और अपने जोरदार अभिनय की सराहना के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. कुछ सालों में ही रजनीकांत तमिल सिनेमा में एक सुपरस्टार के तौर पर पहचाने जाने लगे और तब से सिनेमा जगत में एक प्रतिमान बने हुए हैं.


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अभिनेता रजनीकांत ने अन्य देशों की फिल्मों में भी काम किया है, जिनमें अमेरिका की फिल्में भी शामिल हैं. बॉलीवुड में उन्होंने 'मेरी अदालत', 'जॉन जॉनी जनार्दन', 'भगवान दादा', 'दोस्ती दुश्मनी', 'इंसाफ कौन करेगा', 'असली नकली', 'हम', 'खून का कर्ज', 'क्रांतिकारी', 'अंधा कानून', 'चालबाज', 'इंसानियत का देवता' जैसी हिंदी फिल्मों  में  काम किया है और एक खास मुकाम बनाया है.



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वर्ष 2014 में रजनीकांत छह तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवार्डस से नवाजे गए, जिनमें से चार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और दो स्पेशल अवार्डस सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए मिले. साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया. इसके अलावा, 45वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (2014) में रजनीकांत को सेंटेनरी अवॉर्ड फॉर इंडियन फिल्म पर्सनेल्टिी ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया. हाल ही में फिल्म '2.0' में नजर आए सुपरस्टार रजनीकांत की खूब वाहवाही हो रही है. यह अब  तक की सबसे मंहगी फिल्म बताई जा रही है और अभिनेता रजनीकांत के अभिनय की हर तरफ तारीफ हो रही है। 

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