नमस्कार दोस्तों,
दोस्तों, इंसान अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में थोड़ा सुकून पाने के लिए हमेशा से मनोरंजन का सहारा लेता रहा है। बदलते वक़्त के साथ साथ भले ही मनोरंजन के साधनों नए नए तकनीकों ने जगह बना ली हो पर नाट्य मनोरंजन का स्थान आज भी बरकरार है। मानव संस्कृति के विकाश के शुरआती दौर में जब तकनिकी विकाश अपनी प्रारंभिक चरण में था और टेलीविज़न का अविष्कार नहीं हुआ था तब भी मनोरंजन के लिए नाट्य प्रस्तुति इंसानों की पहली पसंद हुआ करती थी।
पर जब सिनेमा का अविष्कार हुआ तो इसी नाट्य प्रस्तुति ने सिनेमा का रूप ले लिया। अब मनुष्य अपने अभिनय और प्रस्तुति को हमेसा के लिए सिनेमा के माध्यम से सहेज कर रख सकता था। अभिनय के प्रारंभिक दौर में केवल पुरुष ही अभिनय किया करते थे और महिला का किरदार भी निभाया करते थे तब बोलती फिल्मों की शुरुआत नहीं हुई थी और केवल मूक फिल्मों से ही मनोरंजन किया जाता था। पर तकनीक ने रफ़्तार पकड़ी और मूक फिल्मों की शुरुआत के कुछ ही वर्षों बाद बोलती फिल्मों की तकनीक का ईजाद हो गया। तब भी मौजूदा संस्कृति में महिलाओं को फिल्मों या नाटक में अभिनय की अनुमति नहीं थी। पर फिर भी कुछ महिलाओं ने हिम्मत दिखाई और अपने परिवार एवं पुरुष प्रधान समाज से लड़ झगड़ कर सिनेमा जगत में अपना स्थान बनाने में कामयाब रही।
आइये जानते हैं तब से लेकर अब तक की सिनेमा जगत की उन महान अभिनेत्रियों के बारे में .. ... ...
1 . नरगिस

हिंदी फिल्मों की प्रथम महिला के तौर पर अपना नाम सिनेमा के इतिहास के पन्नों पर हमेसा के लिए दर्ज़ कराने वाली नरगिस का स्थान यूँ तो कई महिलाओं ने लेने की भरपूर कोशिश की पर आज तक कोई और अभिनेत्री उनका मुकाम हासिल कर पाने में कामयाब नहीं हो पाई। कुछ लोग हिंदी सिनेमा के लिए प्रथम महिला का यह खिताब अभिनेत्री देविका रानी को भी देते हैं पर नरगिस जितनी लोकप्रियता किसी की नहीं।
उन्होंने कुछ ऐसी बेहतरीन फ़िल्में की जिसमे अपने अभिनय से उन्होंने अपना नाम हिंदी सिनेमा के इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों से लिख दिया। उनकी फ़िल्में न केवल हिंदी फिल्म जगत की बल्कि पुरे हिन्दुस्तान के लिए पहचान बन गई।
उनकी फ़िल्में बरसात, आवारा और श्री 420 ने जहां एक और दुनिया को रोमांस करना सिखाया और प्रेम के मायने समझाए तो वही उनकी फिल्म 'मदर इंडिया' ने भारत के साथ साथ देश विदेश की फिल्म जगत में अपना स्थान बनाया। फिल्म मदर इंडिया ने भारत की संस्कृति में औरत का स्थान और उसके महत्व को दर्शाया है। फिल्म में यह तथ्य स्पष्ट किया गया है की एक औरत दुनिया के तमाम रिश्तों नातों में ढल कर भी अपना अस्तित्व नहीं खोती और एक माँ बहन या पत्नी होने से पहले वह एक औरत होती है। एक औरत ही एक औरत का दर्द और उसके सम्मान का महत्व समझ पाती है।
2 . सुचित्रा सेन।

देवानंद के साथ फिल्म बम्बई का बाबू की चुलबुली अभिनेत्री से लेकर संजीव कुमार की फिल्म आंधी के उम्रदराज राजनीतिज्ञ के रूप में आपने इन्हे देखा होगा। सुचित्रा सेन ने अपने ज़माने में जो सुर्खियां और शोहरत बतौर अभिनेत्री बटोरीं हैं उन्हें आप फिल्म दौर की सबसे पहली स्टारडम के रूप में देख सकते हैं। भले ही वक़्त ने उन्हें गुमनाम कर दिया हो पर दुनिया ने हिंदी सिनेमा में अभिनेत्री सुचित्रा सेन का स्वर्णिम युग भी देखा है।
3 . साधना।
फिल्म वक़्त, मेरा सांया और वो कौन थी जैसी सफल फिल्मों की अभिनेत्री साधना ने लगभग दो दशक तक हिंदी सिनेमा जगत पर राज किया है। साधना जितनी अपनी अदाकारी के लिए जानी जाती थी उससे कहीं ज्यादा अपनी खूबसूरती और अपनी स्टाइल के लिए प्रशिद्ध थीं। उनका हेयर स्टाइल और अंदाज आज तक लड़कियों की पहली पसंद बानी हुई है।
4 . मीना कुमारी।

मीना कुमारी अभिनेत्री होने के साथ साथ एक लेखिका भी थीं उन्हें फिल्मों के अलावा शेरो शायरी का काफी शौक था। ट्रेजेडी क्वीन के नाम से अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री मीना कुमारी ने कई दमदार फ़िल्में की हैं। उनकी सबसे दमदार फिल्मों में साहेब बीबी और गुलाम, पाकीजा, काजल, फूल और पथ्थर, बहु बेगम आदि हैं।
5 . मधुबाला।
अभिनेत्री मधुबाला फिल्म इतिहास की अब तक की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री हैं। उनके सौंदर्य का आकर्षण अपराजय था। उनके दौर में ऐसा कोई भी अभिनेता या दर्शक नहीं था जिसने उनकी खूबसूरती पर सम्मोहित होने से खुद को रोक पाया हो। उनकी खूबसूरती और मासूमियत हर किसी को मोह लेती थी। उनका चुलबुला अंदाज़ उनकी अदाकारी पर जान डाल देता था।
फिल्म मुग़ले आज़म, हाफ टिकट, चलती का नाम गाड़ी जैसी अनेकों सुपरहिट रोमांचक और कॉमेडी फिल्मों से उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक ख़ास जगह बनाई है। उनकी खूबसूरती के लोग इतने ज्यादा दीवाने थे की उस दौर वे पहली अभिनेत्री थीं जिनकी सुरक्षा के लिए बॉडीगार्ड की जरुरत पड़ती थी।
दोस्तों, इनमे से कौन सी अभिनेत्री आपको सबसे ज्यादा पसंद है मुझे कमेंट करके जरूर बताएं और मुझे फॉलो भी जरूर करें धन्यवाद्।
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