दोस्तों, यह तो हम सभी जानते हैं की सूर्य का प्रकाश ही हमारी धरती और इस में मौजूद हर जीवन के लिए ऊर्जा का मुख्या श्रोत है। सूर्य का प्रकाश और इसकी ऊर्जा और तापमान से ही हमारे धरती पर एक निश्चित वायुमंडल का निर्माण होता है। धरती पर बदलते मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य का सृजन भी सूर्य पर निर्भर करता है। अगर आसमान में चमकता सूर्य न होता तो इस धरती पर कोई जीवन ही नहीं होता। सूर्य न केवल इस धरती पर जीवन उत्पत्ति का कारन है बल्कि इसमें पनपने वाली जीवन श्रृंखला के विकाश की जटिल प्रक्रिया का कारक भी है।
सूर्य अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए है। इंसान जैसे जैसे विकाश की सीढियाँ चढ़ता जा रहा है वैसे वैसे दूसरी आकाश गंगा और उनमे मौजूद ग्रहों एवं तारों को छूने की कोशिश में लगा हुआ है। पर सच तो यह है की विज्ञानं की इतनी तरक्की के बावजूद इंसान अपने ही आकाश गंगा के ग्रहों एवं तारों को पूरी तरह से नहीं जान पाया है। धरती का सबसे निकट का तारा है सूर्य। सूर्य ही पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति का कारण है और ऊर्जा का मूल श्रोत भी। पर आज तक हम अपने इस जीवन दाता के बारे में ज्यादा कुछ जान ही नहीं पाए हैं। इससे निकलने वाली तेज़ ऊष्मा की वजह से अबतक इसके करीब जाने और जानने की कोशिश नाकाम रही । पर अब भी सूर्य के बारे में जानकारी बटोरने के लिए वैज्ञानिक समय समय पर प्रयाश करते रहते है।
सूर्य के करीब पहुंचने की पहली तैयारी में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपना पार्कर सोलर प्रोब को इसी साल 12 अगस्त को लांच किया गया। यह यान 4 लाख 30 हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की तेज़ गति से सूर्य को छूने के लिए निकल चूका है। सूर्य के नज़दीक पहुँचने से पहले यह यान कई ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से होकर गुजरेगा। अब सूर्य के बारे में कई वैज्ञानिक और भौगोलिक तथ्य इस उपग्रह के माध्यम से खुलने वाले हैं। जैसे ही यह मानव निर्मित उपग्रह अपनी तय स्थिति पर पहुंचेगा वैसे ही सूर्य के उन रहस्यों पर से पर्दा उठने लगेगा जिनसे अब तक पूरी दुनिया अनजान है।
सूर्य का धार्मिक, आध्यात्मिक और चिकित्सकीय महत्व।
दोस्तों, सूर्य को लेकर लगभग हर धर्म में विशेष मान्यता है। हिन्दू धर्म में तो सूर्य को साक्षात् नारायण का पर्याय मानकर ईश्वर के रूप में पूजा जाता है। इसी लिए सूर्य का एक नाम सूर्य नारायण भी है। लगभग हर धर्म में सूर्य को प्रकाश और ऊर्जा का श्रोत और सत्य एवं सात्विकता का प्रतिक माना जाता है। कोणार्क का सूर्य मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। सूर्य का मंदिर बनाकर पूजा करना इस बात का प्रतिक है की धर्म में सूर्य को कितना विशेष स्थान प्राप्त है और इंसान के ह्रदय में सूर्य देव के प्रति कितनी श्रद्धा है। हिन्दू धर्म के अलावा बौद्ध और अन्य सभी धर्मों में भी सूर्य को विशेष महत्व दिया गया है।
सूर्य का ज्योतिष, योग और चिकित्सा में महत्व।
डॉक्टर आर पी पटेल के अनुसार शरीर को निरोगी रखने में सूर्य के प्रकाश का विशेष योगदान है। सूर्य की किरणों में ऐसी जीवन शक्ति मौजूद है जो कई रोगों को पनपने से पहले ही उन रोगों की जड़ को ही ख़त्म कर देती है। चिकित्सा विज्ञानं के अनुसार इंसान के जीवन के लिए सबसे जरुरी तत्व विटामिन "डी" हमें सूर्य के प्रकाश से मुफ्त में मिलता है। इसे हमारा शरीर सूर्य के किरणों से मिलकर स्वयं ही बना लेता है। पेड़ पौधों की हरियाली एवं फूल पत्तों में विशेष रंग और आकर भी सूर्य की प्रकाश से ही संभव हो पाता है। सूर्य की किरणों से रोगों का उपचार हमारे आयुर्वेद में प्राचीन काल से किया जाता रहा है। सूर्य की किरणों से ही हर जिव और वनस्पति का निर्माण होता है। इन्ही वनस्पति से ही हमें आयुर्वेदिक औषधि प्राप्त होते हैं। औषधियों से किये जाने वाले उपचार को भी अप्रत्यक्ष सूर्य उपचार ही माना जाता है। सूर्य के किरणों से होने वाला प्रत्यक्ष उपचार भी अत्यंत ही प्रभावकारी होता है।
सूर्य का श्वेत प्रकाश सात अलग अलग रंगों से मिलकर बना है। इन सातों रंगों में से हर रंग का अपना एक अलग आयुर्वेदिक औषधीय गुण है जिसका चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। कहते हैं की जिस घर में सूर्य का प्रकाश प्रवेश नहीं करता वहाँ रोगों का प्रवेश होना निश्चित हो जाता है।
योग में सूर्य नमस्कार द्वारा कई रोगों से निदान मिल जाता है। सूर्योदय के वक़्त सूर्य नमस्कार और अन्य योग मुद्राओं का अभ्यास करने से शरीर रोग मुक्त एवं तंदरुस्त बन जाता है।
साथ ही ज्योतिष में भी सूर्य का बहोत ही महत्व है। जिस इंसान का सूर्य कमजोर होता है उसमे आत्मविस्वास नहीं रहता और उसका सारा जीवन दूसरों पर आश्रित रहता है। कुंडली में कमजोर सूर्य पिता को कमजोर बनाता है और कई बार तो अनाथ तक कर देता है।
दोस्तों आप भी सूर्य के इन सभी गुणों का लाभ लेकर अपने जीवन को सुखमय बनाएं। यदि आपने अभी तक इस न्यूज़ को फॉलो/सब्सक्राइब नहीं किया है तो अभी कर दें ताकि आपको मेरी हर खबर आपके मोबाइल पर मिलती रहे, धन्यवाद्।
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