नमस्कार दोस्तों,
दोस्तों, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के द्वारा पौराणिक मान्यता को चुनौती देते हुए मंदिर में प्रवेश की भरषक कोशिश और भक्तों एवं मंदिर प्रशासन के द्वारा हो रहे विरोध के बीच, आज शाम ५ बजे एक बार फिर केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के कपाट दर्शन के लिए खोल दिए गए. हिंदूवादी प्रदर्शनकारियों के भरी विरोध के बीच केरल के चर्चित सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए पहुंची सामजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई और उनके साथ छः अन्य महिलाओं ने हवाईअड्डे पर से पुणे लौटने का फैसला किया है. तृप्ति और उनके साथ आये अन्य महिलाओं का समूह आज शुक्रवार को लगभग 4 बजकर 45 मिनट पर यहाँ पंहुचा था. उनके आने के बाद बीजेपी और संघ परिवार के कार्यकर्ता हवाईअड्डे के बाहर ही प्रदर्शन करने लगे, इसलिए उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने उन्हें हवाईअड्डे पर ही रोक लिया. और वे हवाईअड्डे से बाहर नहीं निकल पाई.
हम आपको बता दें की जब भूमाता ब्रिगेड की मुखिया तृप्ति देसाई यहाँ अन्य छः महिलाओं के एक दाल के साथ पहुंची, तब यहाँ केवल १०० प्रदर्शनकरि थे, लेकिन बाद में यह संख्या बढ़कर हजारों की भीड़ में बदल गई और प्रदर्शनकारीयो ने हवाईअड्डे के अंदर और बाहर सभी द्वारों पर डेरा जमा लिया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी हवाईअड्डे पर पहुंच गए. तृप्ति देसाई के बढ़ते विरोध को देखकर पुलिस वालों उन्हें वापिस चले जाने को कहा. बीजेपी प्रवक्ता सोभा सुरेंद्रन ने भी कहा, 'हमें उन्हें यहाँ से जाने के लिए कहना होगा, क्योंकि हम उन्हें यहाँ से बाहर जाने की इजाजत नहीं दे सकते. तृप्ति देसाई को हमारे मुख्यमंत्री के जैसे नास्तिकों का समर्थन हासिल है जो हर हल में महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को देखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
निजी पब्लिसिटी के लिए किसी को भी पौराणिक परम्पराओं का इस तरह से उल्लंघन नहीं करना चाहिए जिससे लोगों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे. सबरीमाला में महिलाओं का प्रवेश एक धार्मिक परंपरा है और लोगों के धार्मिक आस्था पर कानूनी बेड़ियाँ लगाना सही नहीं.
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