जानिये प्रधानमंत्री आवास योजना के पीछे का सच, योजना के नाम पर कर्ज में डूबती जनता.

नमस्कार दोस्तों, 
दोस्तों आप सभी ने प्रधान मंत्री आवास योजना के बारे में सुना ही होगा. आप में से कई ऐसे लोग होंगे जिन्होंने इस योजना से अभी अपना नया घर बनवाया होगा. और कुछ ऐसे होंगे जिनका नाम अभी आया होगा और वो घर बनवाने वाले होंगे. 
प्रधानमंत्री जी पी एम् ए वाय के तहत ऐसे लोगों को खुद का घर बनवाने के लिए आर्थिक मदद कर रहे हैं जो की गरीब परिवार से हैं और खुद का एक भी पक्का मकान नहीं है. काम आमदनी और गरीबी रेखा वालों को इस योजना के तहत घर बनाने में मदद दी जा रही है. इस योजना के तहत आपको एक लाख पच्चीस हजार रुपये तीन किश्तों में दी जा रही है. पहला किश्त चालीस हजार रुपये घर की नीव तैयार करने के लिए उसके बाद फिर चालीस हजार रुपये घर की छत ढलाई के लिए फिर बाकि बची रकम प्लास्टर कम्पलीट करके पी एम् ए वाय लोगो बनवाने के बाद.

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 इस योजना के तहत आपको दो बैडरूम एक हॉल एक किचन और बाथरूम बनवाना है वो भी एक लाख पच्चीस हजार रुपये में. जो लोग बनवा चुके हैं उन्हें अच्छी तरह से पता है की इतने में एक कमरा और किचन बना पाना भी नामुनकिन है. फिर भी इस योजना के तहत घर बन रहे हैं. चलिए जानते है की घर कैसे बन रहे हैं.
दोस्तों प्रधान मंत्री आवास योजना पूरी तरह से गरीब और मज़दूर वर्ग के लोगों को क़र्ज़ में डुबो रही है. यह मैं नहीं कह रहा बल्कि आप खुद उन लोगों से पूछ सकते हैं जिन्होंने इस योजना के द्वारा घर बनवाया है. जिस भी व्यक्ति का इस योजना में नाम चयन होता है. सबसे पहले तो उसे कम से कम २०००० रुपये अधिकारीयों को खिलाना पड़ता है. बेटे के लिए घर बन जाये यह सोचकर माँ अपने गहने गिरवी रख देती है और किसान किसी अन्य माध्यम से क़र्ज़ लेकर अपने सपनो का घर बनाने की तयारी में जुट जाता है. प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए जो दिशानिर्देश दिए गए हैं उस हिसाब से वह घर तीन लाख से कम में नहीं बन सकता. 
आप ही बताइये की घर बनने के बाद क़र्ज़ से दबा बेटा क्या अपनी माँ के गहनों का मोल चूका पायेगा या उसकी अतिरिक्त खर्च से बचने के लिए उसे घर से अलग कर देगा. क्योंकि यही हो रहा है. और इसके लिए ज़िम्मेदार पीएम नहीं तो और कौन है.
भाइयों जब भी सरकारी फण्ड से कुछ नया निर्माण किया जाना होता है तो एक छोटी सड़क बनवाने के लिए भी टेंडर जारी होता है. उसका पूरा बजट तय किया जाता है फिर काम को गति दी जाती है. तो फिर जब करोड़ों रुपये की इस योजना से आम जनता के लिए घर बनाया जाना था तब इसके लिए टेंडर क्यों नहीं निकाला गया. आज गरीब लोग क़र्ज़ लेकर अपना घर बनवा रहे हैं. उसपर मोदी जी की योजना का लोगो बनवाकर उनका प्रचार कर रहे हैं. 
ऐसा सटीक मार्केटिंग मैनेजमेंट मैंने आजसे पहले कभी नहीं देखा जिसमे लोग अपना पैसा लगाकर किसी और का प्रचार कर रहे हों. प्रधान मंत्री जी को किसी कंपनी का मार्केटिंग मैनेजर होना चाहिए था. वो गलती से पीएम बन गए. 
धन्यवाद्. 

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