कादर खान के लिखे वो डायलाग जिसने अमिताभ बच्चन को बनाया शदी का महानायक।

अमिताभ बच्चन को 'एंग्रीयंग मैन' बनाने वाले कादरनमस्कार दोस्तों, 

लम्बी बिमारी के बाद बॉलीवुड के महान अभिनेता एवं लेखक कादर खान का निधन हो गया है। 31 दिसम्बर दिन सोमवार को नव वर्ष की पूर्व संध्या को कादर खान ने अपनी अंतिम सांस ली और इस दुनिया को अलविदा कह दिया। नए वर्ष के जश्न की तैयारी में जुटा पूरा बॉलीवुड कादर खान के मौत से काफी आहत है। कादर खान 81 वर्ष के थे। सभी बड़ी हस्तियों ने उनकी मौत की खबर पर शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति की प्राथना की है। 

कादर खान बहुमुखी प्रतिभा के धनि थे। वे चाहे सकारात्मक किरदार में हों या फिर खलनायक की भूमिका में हों, दोनों ही तरह के किरदार में जान डाल देते थे। उनके किरदारों को देखकर कभी भी अभिनय का अहसास नहीं होता बल्कि ऐसा लगता है की जैसे हम किसी वास्तविक व्यक्तित्व को देख रहे हैं। वो अभिनय के हर विधा में माहिर थे। गंभीर किरदार की तरह ही उनकी कॉमेडी भी लाजवाब हुआ करती थी। पर उनके एक खास हुनर के बारे में बहोत काम लोग ही जानते हैं। कादर खान एक बेहतरीन लेखक भी थे। लगभग 300 फिल्मों में अभिनय कर चुके कादर खान ने कुल 200 फिल्मों के लिए लेखन का कार्य भी किया है। 

कादर खान अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े फैन थे। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था की अमिताभ हर तरह के अभिनय में निपुण हैं। खुदा ने उन्हें ऊँची कद, दमदार आवाज और बेहतर अभिनय कला से नवाज़ा है। आज हम जिस एंग्री यंग मन के रूप में अमिताभ  बच्चन को जानते हैं यह पहचान भी कादर खान के उन संवादों की दें है जो उन्होंने अमिताभ बच्चन के फिल्मों के लिए लिखे थे। 

आइये जानते हैं कादर खान द्वारा अमिताभ बच्चन के लिए लिखे 10 बड़े संवाद जिसने अमिताभ बच्चन के सदी का महानायक बनने में बड़ी भूमिका निभाई है। 

1 . फिल्म अग्निपथ का यह डायलाग जो तब से लेकर अब तक हर किसी के जुबान पर चढ़ा हुआ है। 

विजय दीनानाथ चौहान

नाम विजय दीनानाथ चौहान, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, माँ का नाम सुहासनी चौहान, गाँव मांडवा, उम्र 36 साल 9 महीना 8 दिन  और यह सोलहवां घंटा चालू है। 

2 . फिल्म "हम" : कहते हैं किसी आदमी की सीरत अगर जाननी हो तो उसकी सूरत नहीं उसके पैरों की तरफ देखना चाहिए, उसके कपड़ों को नहीं उसके जूतों की तरफ देख लेना चाहिए। 

3 . फिल्म "मुकद्दर का सिकंदर" : कादर खान का डायलॉग- सुख तो बेवफा है आता है जाता है, दुख ही अपना साथी है, अपने साथ रहता है। दुख को अपना ले तब तकदीर तेरे कदमों में होगी और तू मुकद्दर का बादशाह होगा।

4 . फिल्म "कुली": अमिताभ के लिए लिखा कादर खान का डायलॉग- बचपन से सर पर अल्लाह का हाथ और अल्लाहरख्खा है अपने साथ, बाजू पर 786 का है बिल्ला, 20 नंबर की बीड़ी पीता हूं, नाम है इकबाल। 
बाजू पर 786 का है बिल्ला, 20 नंबर की बीड़ी पीता हूं नाम है इकबाल

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