कैसी है हमारी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, एक ही जगह जानिए इस प्रतिमा के बारे में सब


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नमस्कार दोस्तों,
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने बुधवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन किया. यह प्रतिमा दुनिया का इकलौता और सबसे ऊँचा प्रतिमा है. यह प्रतिमा देश के गौरव का प्रतीक है. आपने अमेरिका में ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ और ऐसी ही कुछ विशालकाय प्रतिमाओं के बारे में जरूर कुछ सुना, देखा और पढ़ा होगा लेकिन, हमारी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी या एकता की प्रतिमा, इन सभी प्रतिमाओं से काफी अधिक ऊँचा और भव्य है. यहां ये भी जान लीजिए कि वर्तमान में, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से ऊंची और विशाल दुनिया में कोई प्रतिमा नहीं है. अब इतना पढ़ने के बाद, आपके जेहन में कई सवाल उठ रहे होंगे.
कहां बनी है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
वडोदरा के पास नर्मदा जिले में स्थित सरदार सरोवर के केवाड़िया कॉलोनी गांव में इस स्टेचू को बनाया गया है. यह 182 मीटर ऊंची है और 7 किलोमीटर दूर से ही इसे देखा जा सकता है.
किसने बनाई और कितना खर्च आया?
इस प्रतिमा को सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट (SVPRET) के द्वारा बनवाया गया है. इस प्रतिमा को बनाने के लिए L &T को जिम्मेदारी दी गयी थी. इस मूर्ति को बनाने में कुल ३५०० करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. 
कितनी विशाल
सिर्फ अनुमान लगाइए की सरदार पटेल की प्रतिमा के 6 फीट के इंसान के कद से बड़े होंठ, आंखें और जैकेट के बटन, सात मंजिला इमारत जितना ऊंचा तो सिर्फ उनका चेहरा है. 70 फीट के हाथ और पैरों की ऊंचाई 85 फीट है. इतनी मजबूत कि 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं का भी इस पर कोई असर नहीं होगा.
सरदार साहब के दिल तक जाइए
इस स्टैच्यू के अंदर एक हाईटेक लिफ्ट है. इससे पर्यटक सरदार पटेल के हृदय तक जा सकेंगे. यहां से लोग सरदार सरोवर बांध के अलावा नर्मदा के 17 किमी लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी का शानदार नज़ारा देख सकते हैं.
ये हैं दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाएं


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1) स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (भारत): ऊंचाई 182 मीटर
2) स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध (चीन): ऊंचाई 153 मीटर
3) यू्शिकु दाईबुत्शु (जापान): ऊंचाई 120 मीटर
4) स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (अमेरिका): ऊंचाई 93 मीटर
5) द मदरलैंड कॉल्स (रूस): ऊंचाई 85 मीटर
6) क्राइस्ट द रीडीमर (ब्राजील): ऊंचाई 38 मीटर
कितने वक्त में तैयार हुई
इस विशालकाय मूर्ति को तैयार करने में पांच साल याने की 60 महीने का वक़्त लगा. आपको ये जानकर भी आश्चर्य होगा कि यह सबसे कम वक्त में बनने वाली दुनिया की विशालतम प्रतिमा भी है. अगर दूसरे नंबर पर आने वाली स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध प्रतिमा जो कि चीन में है, उसका जिक्र करें तो उसे बनाने में 90 साल का सबसे लम्बा समय लगा था.

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भूकंप से बेअसर
इस प्रतिमा को भूकंप रोधी तकनीक एवं बेजोड़ इंजीनिरिंग से बनाया गया है. इस पर भरी भूकंप करभी कोई असर नहीं होगा. इसके साथ ही अन्य प्राकृतिक आपदाओं अर्थात तेज़ तूफ़ान या भारी बारिश से यह बेअसर रहेगा. और किसी विस्फोट से भी इसे गिराना काफी मुश्किल होगा.
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी के माध्यम से मोदी जी ने देश को दुनिया की नज़रों में एक सम्मान जनक स्थान दिलाने की कोशिश की है और साथ ही भारत के शांतिप्रिय इतिहास का और पहचान को पूरी दुनिया के सामने रखने की एक बेहतरीन कोशिश की है.

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