जानिये क्या बात हुई राष्ट्रपति सोलिह और पीएम मोदी के बीच.

नमस्कार दोस्तों,
दोस्तों, हम सभी जानते हैं की हमारे प्रधान मंत्री भारत से अधिक विदेशों की खबर रखते हैं. उनका अधिकतर कार्यकाल विदेशों के दौरे में बीता है और वे जब देश में रहते हैं तब भी उनका अधिकतर ध्यान विदेश की राजनितिक हलचल की हर खबर पर बनी रहती है. 
 उनके विदेश प्रेम और विदेश दौरों के इसी क्रम में उन्होंने कल १७ नवंबर शनिवार को कहा की मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शासन में उन्हें हिन्द महासागर के इस द्वीपीय राष्ट्र के साथ द्विपक्षीय संबंधों के और गहरे होने की उम्मीद है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी यहां मालदीव के निर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए. देश के सातवें राष्ट्रपति सोलह ने सितम्बर में हुए चुनावों में कद्दावर अब्दुल्ला यामीन को पराजित किया था. 

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राष्ट्रीय फुटबॉल स्टेडियम में हुए शपथ ग्रहण समारोह के फ़ौरन बाद मोदी ने सोलह से मुलाकात की और रणनीतिक महत्वा रखने वाले इस देश को शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और समृद्ध देश बनने के सभी प्रयासों में हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया. इस मुलाक़ात के दौरान मोदी ने सोलिह को भारत आने का न्योता भी दिया. मालदीव के विदेश मंत्री २६ नवंबर को भारत दौरे पर आएंगे और इस दौरान राष्ट्रपति के भारत दौरे के लिए तैयारिओं को अंजाम दिया जाएगा. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मोदी मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और मौमून अब्दुल गयूम की बगल में बैठे थे. समारोह में श्रीलंका की पूर्व राष्ट्रपति कहंदृका कुमारतुंग भी शामिल हुई.
विपक्षीय मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार 54 वर्षीया सोलिह 23 सितम्बर को हुए चुनावों में सबको चौकते हुए विजेता बने. मोदी और सोलिह के संयुक्त बयां में यह कहा गया है की बैठक के दौरान मोदी और सोलिह इस बात पर सहमत थे की हिन्द महासागर में शान्ति और सुरक्षा बरकरार रखना हमारी मुख्या जिम्मेदारी और पहली प्राथमिकता है और उन्हें छेत्र में स्थयित्वा के लिए एक दूसरे की चिंताओं और आकांक्षाओं का ध्यान रखना होगा. भारत और मालदीव के बीच रिश्तों के लचीलेपन का ज़िक्र करते हुए दोनों नेताओं ने सहयोगी और मित्रवत रिश्तों को फिर से बहाल करने का भरोसा दिलाया है. दोनों नेताओं ने छेत्र के अंदर और दूसरी जगहों पर भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की. राष्ट्रपति सोलिह ने प्रधानमंत्री मोदी को देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी दी. साझा बयान में कहा गया की राष्ट्रपति सोलिह ने आवास और आधारभूत विकाश के साथ ही पानी और अवजल प्रणाली की बढ़ती जरूरतों पर भी ध्यान आकर्षित किया. 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की वह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर काफी आशावादी हैं. उन्होंने सोलिह को आश्वासन दिया की भारत सतत सामाजिक और आर्थिक विकास हासिल करने में मालदीव की सहायता करने को लेकर प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय कंपनियों के लिए मालदीव के विभिन्न छेत्रों में निवेश के विस्तारित अवसरों को भी बल दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा " प्रधान मंत्री ने राजकीय दौरे पर भारत आने के लिए राष्ट्रपति सोलिह को आमंत्रित किया है. राष्ट्रपति सोलिह ने इस निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार कर लिया." इससे पहले २०११ में देश के तात्कालिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी हिन्द महासागर के इस द्वीपीय देश की यात्रा की थी और इन दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों पर बात की थी.
आपको ज्ञात हो की मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति द्वारा किये गए गलत फैसलों ने भारत और मालदीव के रिश्तों में कड़वाहट भर दी थी, ऐसे में मोदी जी के इस दौरे का बड़ा राजनितिक महत्वा बताया जा रहा है और कयास लगाए जा रहे हैं की उनके इस दौरे से दोनों देशों के रिश्तों की कड़वाहट काम होने के काफी आसार हैं. इसके साथ ही सोलिह के भारत दौरे के साथ पुराने कड़वाहट को भूलकर कुछ नए राजनैतिक समझौते भी हो सकते हैं.
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