नमस्कार दोस्तों,
दोस्तों, गुरुवार 14 फ़रवरी को जम्मू - कश्मीर के पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश- ए -मोहम्मद ने इस आतंकी हमले की ज़िम्मेदारी ली है। जैश ए मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन ने पुलवामा में सीआरपीएफ के 2500 जवानों से भरी बसों के काफिले पर IED से भरी एक बस से आत्मघाती हमला कर जवानों के एक बस को उड़ा दिया। इस हमले में अब तक 42 जवान शहीद हो चुके हैं और 45 से अधिक जवान गंभीर रूप से घायल हैं।
इस हमले से घायल हुए जवानों को सेना के 92 बेस अस्पताल श्रीनगर के बादामीबाग में भर्ती कराया कराया गया है। इस हमले के बारे में बताते हुए सीआरपीएफ के अधिकारी ने कहा कि सीआरपीएफ 92, 17 और 54 बटालियन के कुल 44 जवान बस में सवार थे।
राज्यपाल सत्यप्रकाश ने कहा
इस घटना के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू कश्मीर के राज्यपाल श्री सत्यपाल मालिक ने कहा कि 'जवानों का इतना बड़ा काफिला लेकर नहीं चलना चाहिए था। पाकिस्तानी आतंकी, जम्मू कश्मीर के स्थानीय युवाओं को भड़का रहे हैं और उन्हें देश के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारे सुरक्षा कर्मी बहोत ही मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। हम सभी आतंकियों को ख़त्म करके ही दम लेंगे।'
ख़ुफ़िया एजेंसियों ने 8 फ़रवरी से ही कर दिया था अलर्ट।
इस घटना के बारे में सबसे चौकाने वाली बात यह आ रही है की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने 8 फरवरी को ही अलर्ट कर दिया था कि कश्मीर के सुरक्षाबलों को डेप्लॉयमेंट और उनके आने जाने के रास्ते पर आतंकी IED से हमला कर सकते हैं। 7 दिन पहले मिली इस चेतावनी के बावजूद सुरक्षाकर्मियों पर इतना बड़ा हमला हो जाना भी एक बड़ी चूक माना जा रहा है।
सुरक्षा कर्मियों ( CRPF ) के काफिले पर आत्मघाती हमला करने वाले आतंकी का नाम आदिल अहमद डार बताया जा रहा है। जैश ए मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन ने इस घटना की ज़िम्मेदारी लेते हुए हमलावर आतंकी का वीडियो भी जारी कर दिया है।
दोस्तों, मैं इस हमले से शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए देश के जनता और अपने पाठकों से यह प्रश्न करना चाहता हूँ कि इन आतंकी संगठनों को किस तरह ख़त्म किया जा सकता है। क्या आप सरकार पर एक और सर्जिकल स्ट्राइक के लिए दबाव बनाएंगे या इन शहीदों की शहादत यूँ ही मिट्टी में मिल जायेगी। आपका क्या जवाब है मुझे कमेंट करके जरूर बताएं, धन्यवाद्।
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