- नमस्कार दोस्तों,
- पूर्व कप्तान मिताली राज, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सबसे सफल बल्लेबाज हैं। टी-20 वर्ल्ड कप में लगातार दो अर्द्धशतक लगाने के बावजूद उन्हें सेमीफाइनल में बाहर बैठाया गया था। कप्तान हरमनप्रीत के इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी
टी-20 वर्ल्डकप में हुई हार के बाद भारतीय महिला क्रिकेट में शुरू हुई कॉन्ट्रोवर्सी ने मंगलवार को पूर्व कप्तान मिताली राज के लिखे पत्र के मिलने के बाद और भी ज्यादा जोर पकड़ लिया है। पूर्व कप्तान मिताली राज का बीसीसीआई को लिखा एक पत्र सामने आया। इस पत्र में मिताली ने कोच रमेश पोवार पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया साथ ही प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना एडुल्जी को पक्षपाती करार दिया। मिताली भारतीय महिला टीम की अब तक की सबसे कामयाब बल्लेबाज हैं।
मिताली राज को हाल ही में खत्म हुए टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में मौका नहीं दिया गया था, जबकि उन्होंने टूर्नामेंट में दो अर्द्धशतक लगाए थे। भारत यह मैच 8 विकेट से हार गया था। भारत को मिली इस हार के बाद से ही टीम में विवाद है। मिताली का कहना है कि सत्ता में बैठे कुछ लोग उनका क्रिकेट करियर तबाह करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अपने पद का मेरे खिलाफ गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। जब इस मामले में रमेश पोवार से बात की गई तो पोवार ने मिताली के आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, अभी तक इस बात पर, एडुल्जी से संपर्क नहीं हो पाया है।
मिताली ने सबा और जौहरी को लिखा पत्र
मिताली ने इस संबंध में बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी और महाप्रबंधक (क्रिकेट ऑपरेशंस) सबा करीम को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा है, ‘20 साल के करियर में मैं पहली बार खुद को अपमानित, हतोत्साहित, निराश महसूस कर रही हूं। मैं यह सोचने पर मजबूर हूं कि जो लोग मेरा करियर तबाह करना चाहते और मेरा आत्मविश्वास तोड़ना चाहते हैं, उनके लिए मेरी देश को दी जाने वाली सेवाओं की कोई जरूरत नहीं है।’
कोच मुझे हर जगह अपमानित करते थे : मिताली
मिताली ने पत्र में ऐसी कई घटनाओं का जिक्र किया, जिनमें उन्होंने कोच रमेश पोवार द्वारा खुद को अपमानित किये जाने का दावा किया । मिताली ने लिखा, ‘उदाहरण के लिए, मैं जहां भी कहीं बैठती थी, वे उठकर चले जाते थे, नेट्स पर जब दूसरी बल्लेबाज अभ्यास कर रही होती थीं तो वे मौजूद रहते थे, लेकिन जैसे ही मैं बल्लेबाजी के लिए जाती वे वहां से चले जाते थे। यदि मैं उनसे बात करने की कोशिश करती तो वे अपने फोन में कुछ देखने लगते और वहां से निकल जाते। यह किसी के लिए भी शर्मनाक था। यह बिल्कुल स्पष्ट था कि मुझे अपमानित किया जा रहा था। इसके बावजूद मैंने कभी भी अपना धैर्य नहीं खोया।’
मैं हरमनप्रीत के खिलाफ नहीं : मिताली
उन्होंने लिखा, ‘मैं यह भी बताना चाहती हूं कि मैं टी-20 की कप्तान हरमनप्रीत के बिल्कुल भी खिलाफ नहीं हूं, सिवाय इसके छोड़कर कि उन्होंने आखिरी-11 से मुझे बाहर रखने के कोच के फैसले का समर्थन किया। वह फैसला समझ से परे था और टीम के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ। मैं अपने देश के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहती हूं। कोच के फैसले से मैं दुखी हूं कि हमने एक सुनहरा मौका खो दिया।’
एडुल्जी ने मिताली का चयन नहीं करने के फैसले का बचाव किया था
मिताली ने पत्र में डायना एडुल्जी को भी पक्षपाती बताया। एडुल्जी ने मिताली के नहीं चुने जाने के फैसले का बचाव किया था। एडुल्जी ने कहा था कि मिताली को बाहर रखने के फैसले पर सवाल नहीं उठाए जा सकते, बल्कि वह दिन भारतीय टीम के लिए खराब था। एडुल्जी महिला क्रिकेट टीम की कप्तान रह चुकी हैं।
मैंने एडुल्जी को सारी सच्चाई बताई थी
मिताली ने लिखा, ‘मैंने डायना एडुल्जी में हमेशा विश्वास जाहिर किया है। सीओए की सदस्य के तौर पर मैंने हमेशा उनकी इज्जत की है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि वे मेरे खिलाफ अपने पद का इस्तेमाल करेंगी। वह भी यह सुनने के बाद कि वेस्टइंडीज में मुझे क्या करना है. क्योंकि इस संबंध में मैंने उनसे खुलकर चर्चा की थी। लेकिन उन्होंने मीडिया में टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में मुझे बेंच पर बैठाने के फैसले का जोरदार समर्थन किया। इस बात ने मुझे बहुत परेशान किया, क्योंकि मैंने उन्हें वास्तविक तथ्यों से अवगत कराया था।’
कहां से शुरू हुआ था विवाद
1- टी-20 वर्ल्डकप में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिताली टीम में थीं, लेकिन पांच बल्लेबाजों के आउट होने के बावजूद उन्हें बल्लेबाजी के लिए नहीं भेजा गया, जबकि टीम में वे ओपनर के तौर पर शामिल की गई थीं। इस मैच में हरमनप्रीत ने शतक लगाया था। भारत ने मैच जीता था।
2- पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे मुकाबले में मिताली ने ओपनिंग की और 56 रन बनाए। हरमनप्रीत 14 रन पर आउट हो गई थीं। भारत ने ये मैच जीत लिया।
3- तीसरे टी-20 में आयरलैंड के खिलाफ भी मिताली ने फिफ्टी लगाई। हरमनप्रीत इस मैच में 7 रन ही बना पाई थीं। ये मैच भी भारत जीता था।
4- इसके बाद टीम ऑस्ट्रेलिया से भिड़ी। इस मैच में मिताली को बाहर रखा गया। मंधाना और हरमनप्रीत की बेहतर प्रदर्शन के बदौलत मैच भारत ने जीता।
5- इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल से भी मिताली को बाहर रखा गया। भारत 112 रन पर ऑल आउट हो गई। इंग्लैंड ने मुकाबला जीत लिया।
6- पांच मैच में से तीन में मिताली ने बल्लेबाजी नहीं की। इसके बावजूद वे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टॉप-4 भारतीय बल्लेबाजों में रहीं। उन्होंने 2 मैचों में 107 रन बनाए। हरमनप्रीत ने पांचों मैच में बैटिंग की और 183 रन बनाए।
7- सेमीफाइनल मैच में मिताली को टीम से बाहर रखने पर विवाद शुरू हुआ।
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